Thursday, May 23, 2013

यूँ तो ये कविता पुरानी है, पर मेरी इतनी प्यारी यादों को संजोए है, कि पढ़कर आज भी मन मयूर नाच उठता है...  मेरी नृत्य कक्षा को समर्पित..  

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