कभी कभी यूँ भी होता है, कि सब कुछ नया नया सा लगता है, ऐसी ही अनुभूति को शब्दों में पिरोती कविता...
नया नगर नया काम,
नयी सुबह नयी शाम...
(पूरा पढने के लिए कड़ी पर क्लिक करें)
नया नगर नया काम,
नयी सुबह नयी शाम...
(पूरा पढने के लिए कड़ी पर क्लिक करें)