Thursday, July 11, 2013

थारी म्हारी पंचायत - कुछ मजेदार जुमले चुगलखोरों के

पंचायती पड़ोसी हों या चुगलखोर रिश्तेदार, निम्न पंचायती जुमलों से आपका भी पाला पड़ा होगा. यदि पढ़ा होगा तो ये पढ़कर हंसी आनी तय है. सुनकर मन में बड़े अच्छे से जवाब आते हैं, जो हम दे नहीं पाते, बस खामोशी से मन ही मन मुस्कुरा देते हैं. अब हमारे मन में जो आता है, हमने तो लिख दिया...
इसे पूरा पढ़ने हेतु यहाँ जाएं - थारी म्हारी पंचायत

Thursday, June 20, 2013

फेसबुक हैश टैग - क्या होंगे अलग हट के?



चेहरों की किताब पर लगा # का ठप्पा
पिछले दिनों फेसबुक ने हैश टैग को अपनी सेवाओं में सम्मिलित करने की घोषणा की. ट्विटर (और गूगल+) का उपयोग करने वाले हैश टैग्‌स की महिमा से भली भांति परिचित है. तो फेसबुक पर कुछ अलग हट के होगा? या ये कदम नकल में अकल के अभाव का पर्याय सिद्ध होगा?
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Thursday, May 23, 2013

यूँ तो ये कविता पुरानी है, पर मेरी इतनी प्यारी यादों को संजोए है, कि पढ़कर आज भी मन मयूर नाच उठता है...  मेरी नृत्य कक्षा को समर्पित..  

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Friday, March 8, 2013

महिला दिवस पर...

विश्व महिला दिवस पर सारी महिलाओं को शुभकामनाएं...

शुभकामनाओं के संग एक विचार भी... अच्छा हो जो ये विचार, विचार श्रंखला को आकार दे सके.

अच्छी से अच्‍छी शिक्षा, जिससे प्राय: लड़कियां भेदभाव के कारण वंचित रह जाती हैं, शायद महिलाओं से जुड़ी सारी समस्याओं का हल न हो, लेकिन समस्याओं से जूझने का बल ज़रूर दे सकता है. 

कुछ समय पहले, नारी सशक्तिकरण पर एक कविता लिखी थी. उम्मीद है आपको पसंद आएगी:

Monday, March 4, 2013

चुटकुले के मुख से


दो चुटकुले साथ साथ जा रहे थे. पहला चुटकुला बहुत खुश था. हंसते हंसते उसका बुरा हाल था. दूसरा गुमसुम था, लग ही नहीं रहा था, कि चुटकुला समाज का ये भी सदस्य है.


Tuesday, October 23, 2012


कभी चेहरों की किताब पर साझा किए हुए

फेसबुक पर दोस्तों से कभी विचार बाँटे, कभी कुछ मज़ाक हुए, कभी कोई अनोखी घटना, कुछ प्यारी यादें, तो कभी कोई दिलचस्प कड़ी. कभी यूँ भी हुआ कि साझा करने लगे, और कुछ नया बन पड़ा… छोटी सी कविता, तुकबंदी या बेसिरपैर की पॅरोडी.

तो इस बार विविध-संकलन में जुड़े मेरे फेसबुक पर 'अभिव्यक्त' विचार...
पढ़ने के लिये यहाँ जाएँ...    

Tuesday, October 16, 2012

ज्ञान-वर्धन: कॉपीराइट/वाटरमार्क का महत्व

इस बार विविध-संकलन में ज्ञान-वर्धन श्रेणी में कॉपीराइट संबंधी कुछ महत्पूर्ण बातें जानें

हिंदी ब्लॉग जगत में कई साथी ब्लॉगर अपने ब्लॉग पर अपनी लिखित कृति के संग चित्र भी लगाते हैं। मैंने देखा कि कुछ अनभिज्ञ लेखक कॉपीराइट का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्हें कॉपीराइट उल्लंघन के नुकसान से बचाने हेतु मैंने दो कड़ियों के इस लेख में कॉपीराइट, वॉटरमार्क और नि:शुल्क चित्र संग्रह की कुछ जानकारियाँ दीं हैं।

कॉपीराइट और वॉटरमार्क के महत्व को समझें - १
कॉपीराइट उल्लघंन के कारण गूगल आपका ब्लॉग अस्थायी या स्थायी रूप से बंद कर सकता है. आपको चेतावनी मिले - ये ज़रूरी नहीं. यदि शिकायत करने वाले के पास उचित कारण हुए, तो बिना किसी सुधार के मौके के आप अपने ब्लॉग - रचनाओं, टिप्पणियों और उनसे जुड़ी कई अनमोल यादों से हाथ धो बैठेंगे. बॅकअप लेकर निश्चिंत ना हों - पाठकों से जुड़े नहीं रहेंगे...

कॉपीराइट और वॉटरमार्क के महत्व को समझें - २
चित्र पर वाटरमार्क लगाना, यानि रचयिता द्वारा चित्र पर उसके अपने होने का प्रमाण अंकित करना है. वाटरमार्क युक्त चित्र के सर्वाधिकार सुरक्षित होते हैं, चाहे वो गूगल खोज के परिणामों में आया हो.

Wednesday, October 10, 2012

मैं सक्षम हूँ, मैं शिक्षित हूँ. (कविता)

कविता लेखन मेरे लिए हमेशा से स्वांत सुखाय ही रहा है. अनेक विषयों पर लिखा, कुछ ब्लॉग पर पोस्ट किए कुछ नहीं, पर कभी नारी सशक्तिकरण पर कोई लेख, कविता आदि नहीं लिखा.

कुछ समय पहले ये रचना जी का ये पोस्ट देखकर इस विषय पर लिखने की प्रेरणा मिली. कविता लिखते हुए लगा कि ये विषय मेरे मन में गहरा पैठा है, कोशिश करूँगी, आगे भी इस विषय पर लिखूं.

ये कविता का एक अंश:

पुत्री, बहन, पत्नी बनी,
मैं मातृत्व की भी धनी,
पर है परिचय अतिरिक्त भी,
मैं महत्वाकांक्षा से उद्दीप्त भी,                     
लालसा नहीं मेरी ललक है,
मेरे प्रयत्नों की अलख है,
सम्पूर्णता की कांक्षित हूँ,
मैं सक्षम हूँ, मैं शिक्षित हूँ.

पूरी पड़ने हेतु नीचे दी कढ़ी पर जाएँ:
सक्षम, शिक्षित नारी के आत्मविश्वास को शब्दों में पिरोती कविता...
अब अबला नहीं, न मैं दयापात्र, मैं नहीं पुरुष की छाया मात्र,
अब नहीं किसी पर आश्रित हूँ, मैं सक्षम हूँ, मैं शिक्षित हूँ.



उम्मीद है पाठकों तक अपनी बात पहुँचाने में भी सक्षम रहूँगी. :)

Wednesday, September 26, 2012

कब अाओगे तुम...




भागते ठहराव से, ठहरे बहाव से
पतझड़ के फूलों से, जेठ के झूलों से
सबसे पूछा मैंने, कब अाओगे तुम...

Tuesday, January 31, 2012

खुशियों का मोल

अनमोल खुशियों का तोलमोल छोडें, इन्हें खरीदना, बेचना, चुराना, छीनना संभव नहीं. बस इनके योग्य बनने का प्रयत्न ही किया जा सकता है... इन्हीं भावों को शब्दों में पिरोती कविता...
नापा न जा सके खुशियों के मोल को
देखा है कभी मुस्कान के तोल को?

Wednesday, January 25, 2012

सच्चे पल, झूठे रिश्ते

सच है कि रिश्ते अनमोल होते हैं. पर जीवन में कई अपवाद भी होते हैं.
दिखावे के रिश्तों के लिए जीवन के अनमोल पल, सच्ची भावनाएं ज़ाया न करें...
इन्हीं भावों को शब्दों में पिरोती कविता... 

Monday, December 12, 2011


मेरी मौसेरी बहन रूचि की पहली सालगिरह आने को है, तो विविध-संकलन का ये संस्करण 
रूचि, परिमल और उनकी शादी की यादों को समर्पित...  
  
प्यारी बहना दुल्हन बनी है, और उसके साज श्रृंगार का क्या कहना...
उसकी आँखों से खुशियाँ झलकें, मुस्कराहट सबसे प्यारा गहना...


(कविता को पढने हेतु कड़ी पर क्लिक करें)

Friday, September 23, 2011

नया नया सा


कभी कभी यूँ भी होता है, कि सब कुछ नया नया सा लगता है, ऐसी ही अनुभूति को शब्दों में पिरोती कविता... 

नया नगर नया काम,
नयी सुबह नयी शाम...

(पूरा पढने के लिए कड़ी पर क्लिक करें)

Wednesday, June 8, 2011

संबल

आकुल ह्रदय को संबल देती आशा
White Pigeons Supporting each other
प्रतिकूल परिस्थिति में भी मन को संबल देती आशा की विजय को कविता में पिरोते शब्द...

संध्या का रंग सुनहरादमके जैसे संदल
अपरिचित पथ पर यूँ हीविचरित है मन चंचल...


इस कविता को पूरा पढ़ने के लिए यहाँ जाएँ: कविता - संबल 

Friday, June 3, 2011

एक लड़की अनोखी सी

बहुमुखी प्रतिभा के विविध रंग.
मेरी एक प्रतिभाशाली मित्र को समर्पित कविता. 
अनोखी सी एक लड़की से, हुई कुछ वक़्त पहले मुलाक़ात,
जिसकी खूबियों के बखान में ढल सकती है रात...

इस कविता को पूरा पढ़ने के लिए यहाँ जाएँ: 

Tuesday, May 31, 2011

हिंदी में लिखते समय, मात्राओं पर दें ध्यान

पिछले दिनों 'नेट' यानि जाल* पर कई सारे हिंदी लेख नज़र में आये, कई पाठक टिप्पणियां भी हिंदी में कर रहे हैं, पर एक बात ज़रा खली, कि...
                                 

कैसे लिखें अपना फेसबुक स्टेटस सन्देश हिंदी में

कुछ खास बातों को हिंदी में कह पाने का आनंद ही कुछ और है - अगर हिंदी कि चार पंक्तियाँ हो, और वो हिंदी में ही नज़र आएं तो क्या कहना. पढ़ने हेतु यहाँ जाएँ... 

रफ़्तार


बाल मन में बबूल के बीज बोयें, तो आम की अपेक्षा ना रखें

बचपन में गलत आदतों को अनुचित बड़ावा देने का दुष्परिणाम दर्शाती लघु कथा

पढ़ने हेतु यहाँ जाएं...

दिल को समझाती हूँ मैं...


उम्मीद पर ही दुनिया कायम है...

 एक छोटी सी कविता जो कहती है, कि
अगर शिद्दत से चाहें तो ख्वाहिशें पूरी हो ही जाती हैं...

इस कविता को पढने हेतु यहाँ जाएँ...