Monday, December 12, 2011


मेरी मौसेरी बहन रूचि की पहली सालगिरह आने को है, तो विविध-संकलन का ये संस्करण 
रूचि, परिमल और उनकी शादी की यादों को समर्पित...  
  
प्यारी बहना दुल्हन बनी है, और उसके साज श्रृंगार का क्या कहना...
उसकी आँखों से खुशियाँ झलकें, मुस्कराहट सबसे प्यारा गहना...


(कविता को पढने हेतु कड़ी पर क्लिक करें)

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